इस छोटे, अत्यंत महत्वपूर्ण और अंतर्राष्ट्रीय तथा व्यापक राष्ट्रीय खपत वाले घरेलू उद्योग में धमन भट्ठी के द्वारा लोहा तैयार करने वाले व्यक्ति के अलावा जिन्हें रोजी मिल जाती थी, वे थे-खनिक, गाड़ीवान, लकड़हारा, हवा देने वाला मजदूर, भट्ठी बनाने वाला कुम्हार, बैलगाड़ी बनाने वाला बढ़ई, खुदाई, लोहा पिटाई आदि के औजार बनाने वाला लोहार, धौकानी बनाने वाला चर्मकार और भिश्ती.